नई दिल्ली. मोदी सरकार (Government of India) की स्कीम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का फायदा उठाना चाहते हैं तो खरीफ फसलों के बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2020 है. जो ऋणी किसान बीमा सुविधा नहीं चाहते है वह अंतिम तिथि के 7 दिन पूर्व लिखित रूप से अपनी बैंक शाखा को अवश्य सूचित करें. गैर ऋणी किसान सी एस सी, बैंक, एजेंट अथवा बीमा पोर्टल पर फसल बीमा स्वयं कर सकते हैं. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए बेमौसम बारिश या जरूरत से ज्यादा बारिश से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. मौसम में अचानक बदलाव या फिर मानसून के दौरान कई किसानों की मेहनत की गाढ़ी कमाई पलभर में बर्बाद हो जाती है. किसानों की इसी समस्या को देखते हुए क्रेंद्र सरकार ने इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया था.
फसल बीमा योजना में किन जोखिमों पर मिलता है भुगतान- कृषि मंत्री का कहना है कि योजना के अंतर्गत ओले पड़ना, जमीन धसना, जल भराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग से नुकसान पर खेतवार नुकसान का आंकलन कर भुगतान किया जाता है. आपको बता दें कि प्राकृतिक आपदा में फसलों को नुकसान पहुंचने पर केंद्र सरकार ने किसानों को उसकी भरपाई के लिए फरवरी 2016 में अति महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की थी.
PMFBY में कैसे मिलता है लाभ-बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY का अप्लीकेशन भरनी होगी. बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो. बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई. खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई. फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी. प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा.
PMFBY में कैसे मिलता है लाभ-बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY का अप्लीकेशन भरनी होगी. बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो. बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई. खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई. फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी. प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा.
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