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शनिवार, 17 जुलाई 2021

Voluntary Retirement Scheme(VRS) क्या है ? VRS कब लागू होता है और इसके नियम क्या है, जाने डिटेल

Voluntary Retirement Scheme क्या है


VRS की full form "Voluntary Retirement Scheme" होती हैं जिसे हिंदी भाषा में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना कहा जाता है। भारतिय विधि अधिनियम मे भारत में औद्योगिक विवाद अधिनियम, सन् 1947 छटनी के अंतर्गत कर्मचारियों को कम करने के मामले में वीआरएस प्रक्रिया आती है। इसका उपयोग केवल पुराने स्टाफ पर ही किया जाता है नए कर्मचारियों पर वीआरएस के नियम लागू नहीं होते हैं। इस अधिनियम के माध्यम से कोई भी सरकारी तथा प्राइवेट कंपनी अपने किसी भी पुराने स्टाफ को कभी भी रिटायर कर सकते हैं। वीआरएस को गोल्डन हैंड शैक के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह कर्मचारियों को सही तरीके से कम करने के लिए एक बहुत ही अच्छा रास्ता है। यह एक बहुत अच्छी मानी तकनीक मानी जाती है कर्मचारियों को स्वेच्छा से रिटायर होने के लिए।


अगर कोई कर्मचारी जो 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका है या फिर उसने कोई सरकारी या गैर सरकारी संस्था में नौकरी की है तो वो VRS के तहत रिटायरमेंट ले सकता है यह जल्दी रिटायरमेंट लेने का एक संस्कारी तरीका है जिसमें निवृत्ति लेने वाले व्यक्ति को कुछ लाभ भी मिलता है जब कोई कंपनी या सरकारी संस्था किसी कर्मचारी को कंपनी से निकालती है या रिटायर करती है तब VRS का नियम लागू होता है


भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी BSNL द्वारा कर्मचारियों के लिए Voluntary Retirement Scheme को शुरू किया जा रहा है जिसके तहत ज्यादा मात्रा में कर्मचारियों को लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत 70 से 80 हजार तक कर्मचारी इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


VRS Rules


जिन कर्मचारियों की आयु 50 वर्ष है और उन्होंने 20 वर्ष की सेवा समाप्त कर लिए वह इस स्कीम के पात्र माने जाएंगे।

जिसके बाद नियुक्ति प्राधिकारी को एक नोटिस लिखकर 3 महीने पहले भेजा जाएगा।

इसके बाद नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा 3 महीने के नोटिस की एफडी मिलने की तिथि से कैलकुलेट की जाएगी।

जिसके बाद यह सूचना देने से पहले एक कर्मचारी को नियुक्ति प्राधिकरण को संतुष्ट करना होता है कि वे अपने क्वालीफाइंग सर्विस को पूरा कर चुका है जब नियुक्ति प्राधिकरण अधिकारी पूर्ण रूप से सेटिस्फाइड हो जाएगा की कर्मचारी ने 20 साल पूरे कर लिए हैं तो उसके द्वारा वीआरएस दे दिया जाता है और कर्मचारी ले लेता है।

वीआरएस प्राप्त करने के बाद वर्कर को जो कंपनसेशन मिलता है वह उनकी सैलरी हेड से इनकम मानी जाती है यह इनकम

“Profit in lieu of salary” के अनुसार टैक्सेबल होती है।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10 (10 C) के अनुसार VRS में प्राप्त कम्पेन्सेशन की अधिकतम 5 लाख की छूट प्राप्त की जा सकती है।


VRS कब लागू होती है ?

जब व्यापार में बढ़ते कंपटीशन के कारण स्थिति में सुधार लाने के लिए वीआरएस लागू होती है।

यदि अगर व्यापार में मंदी आती है तो उस स्थिति में भी वीआरएस लागू कर सकते हैं।

उत्‍पाद/प्रौद्योगिकी को पुरानी तरीके से चलाने के कारण भी वीआरएस लागू की जा सकती हैं।

विदेशी सहयोगियों के साथ संयुक्‍त उद्यमों के कारण।

कम्पनी अधिग्रहण या विलय होने पर यह प्रक्रिया की जा सकती है।

स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लाभ

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10 (10 C) के अनुसार VRS में प्राप्त कम्पेन्सेशन की अधिकतम 5 लाख की छूट प्राप्त की जा सकती है।

जो कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से कार्यालय का कार्य करने में सक्षम नहीं होते हैं उन्हें वीआरएस का सबसे ज्यादा लाभ प्रदान किया जाता है।

ऐसे कर्मचारियों को सरकार द्वारा एक निश्चित रकम देकर वीआरएस देती है।

निश्चित रकम देने के अलावा केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा अन्य सुविधाएं भी कर्मचारियों को प्रदान की जाती है।

जिन कर्मचारियों ने 10 साल की सेवा पूरी करली है और उनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है वह लोग सेवानिवृत्त योजना का लाभ ले सकते है।


Type Of Voluntary Retirement Scheme (VRS)

अब हम आपको स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जो इस प्रकार है-  


1- सेवा निवर्तन-Superannuation


सरकार द्वारा तय की गई 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत होना।


2- सेवानिवृत्ति- Retirement


सेवानिवृत्ति के लिए तय 60 वर्ष में कर्मचारी द्वारा एच्छिक सेवानिवत्ति की मांग करना, नियोक्‍ता द्वारा सेवानिवृत कर देना।


3- अनिवार्य सेवानिवृत्ति- Compulsory Retirement


Serious misconduct मतलब कोई बुरा या गंभीर कदाचार करने पर अनिवार्य सेवानिवत्ति दण्‍डस्‍वरूप।


कर्मचारियों को VRS देने का फैसला क्यों लिया गया

केंद्र सरकार द्वारा खर्च कम करने के लिए कर्मचारियों को लगातार दिया वीआरएस देने का कार्य कर रही है इसीलिए वीआरएस चर्चा का विषय बना हुआ है। वीआरएस लागू करने का सबसे बड़ा कारण सरकार के कुछ गलत नीतियों के कारण बिगड़ी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए वीआरएस को लागू किया गया है।

सरकार द्वारा एक साथ 30000 कर्मचारियों को घर बिठाने का फैसला लिया गया है। बैंक, रेलवे, ऑयल कंपनी, विमानन कंपनियों के बाद देश के 11 बंदरगाह पर कार्य कर रहे कर्मचारी को रिटायर्ड करने के लिए बंदरगाह संचालक मंडल को पत्र भेजकर यह जानकारी दे दी गई है।

केंद्र सरकार द्वारा इन 30 हज़ार कर्मचारियों के लिए इस स्कीम को लागू किया जा रहा है। VRS लेने के बाद यह कर्मचारी किसी भी बंदरगाह पर कोई कार्य नहीं कर सकते। इस 11 बंदरगाहों में कोलकाता के 3772, पारादीप के 758, विशाखापटटनम के 3150, चेन्‍नई के 3253, वीओ चिदंबरन के 691, कोचीन के 1394, न्‍यू मंगलोर के 602, मोरमुगाव के 1513, मुंबई के 6430, जेएनपीटी के 1473 और दीन दयाल के 2203 कर्मचारियों को वीआरएस देने का इंतजाम कर लिया गया है।


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